दरभंगा के राज मैदान में सन ऑफ मल्लाह श्री मुकेश सहनी जी ने NVS के बैनर तले प्रमंडलीय निषाद समाज अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन को टी.वी. और प्रिंट मीडिया ने बिहार में निषाद समाज के अधिकारों के लिए शुरू होने वाली "निषाद क्रांति" का दर्जा दिया। यह बिहार की राजनीति में निषादों के उदय की शुरुआत थी। NVS और मुकेश सहनी की लड़ाई के परिणामस्वरूप, बिहार में सभी दलों ने निषादों को प्रमुखता से गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।
NVS के प्रयासों से कई निषाद वंशियों को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा आजादी के बाद सबसे ज्यादा टिकट दिया गया। इनमें से कई आज सत्ता और विपक्ष में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भी संघ के प्रयासों से निषादों ने सरकार गठन में अहम भूमिका निभाई।
NVS ने बिहार में विभिन्न स्थानों पर गौशाला निर्माण किया है। इसके अलावा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में बाबा केवल महाराज तथा जहानाबाद में महाराज गुहराज निषाद की प्रतिमा की स्थापना कर निषाद समाज की गौरवशाली विरासत को सहेजने का कार्य किया है।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित श्रृंगवेरपुर में भगवान गुहराज निषाद की प्रतिमा स्थापित की गई है, जो निषाद समाज की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
बिहार के हर जिले में रथ यात्रा निकालकर राज्य के निषादों को एकजुट किया गया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और झारखंड के अधिकतम जिलों में रथ यात्रा के माध्यम से निषादों को जागरूक और एकजुट किया गया।
सन ऑफ मल्लाह ने NVS के बैनर तले आरक्षण की मांग को लेकर पटना में राजभवन मार्च का आयोजन किया। इस मार्च में हजारों निषाद बंधुओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बावजूद, नीतीश सरकार ने 24 घंटे के भीतर निषाद समाज की मांगों की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी।
संघ में आज लगभग 1 लाख कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। जून 2025 तक 5 लाख पदाधिकारियों की नियुक्ति का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। NVS आज पूरे भारत में अपने तरह का एकमात्र जातिगत संगठन बनकर उभरा है।
सन ऑफ मल्लाह श्री मुकेश सहनी जी ने पटना के गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन कर अपनी पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी, बनाने की घोषणा की।